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Showing posts from May, 2023

गुरु चांडाल दोष और उपाय

जन्म पत्रिका मे गुरु और राहु एक साथ एक ही राशि में स्थित हो तब गुरु चांडाल योग बनता है। गुरु ज्ञान के कारक हैं ,वहीं राहु अज्ञानता का कारक है गुरु सकरात्मक ऊर्जा है ,वहीं राहु नकारात्मक ऊर्जा,  दोनों विपरीत ऊर्जा है जो एक साथ स्थित होने से गुरु की सकरात्मक ऊर्जा कम होने लगती है और राहु की नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है । राहु गुरु के साथ होने से बलवान हो जाता है और जातक द्विस्वभाव का हो जाता है।  गुरु चांडाल योग के जातक स्वभाव से बुद्धिमान,स्वार्थी और अत्यंत चतुर  प्रकृति के होते हैं। इन जातकों मे धैर्य की कमी होती है। ये जातक कभी संतुष्ट नहीं होते इनकी इच्छा अनंत होती है। ये जातक जुगाड़ू प्रकृति के होते हैं।  प्रथम भाव - मे गुरु चंडाल योग होने से जातक चालाकी से काम निकालने वाले और जुगाड़ू प्रकृति के होते हैं ।  द्वितीय भाव- मे  योग होने से जातक का घर- परिवार से जुड़ाव अधिक होता है और धन मे उतार- चढ़ाव रहता  है।  तृतीय भाव- में यह योग बनने से  जातक हाजिर जवाबी होता हैं और  मीडिया मे अच्छा कार्य करता है। चतुर्थ भाव - मे  यह योग होने से ...

मांगलिक दोष और उसका निवारण

जन्म कुंडली मे लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अस्टम और द्वादश भाव मे अगर मंगल स्थित हो तो मांगलिक योग   बनता है।   परंतु जब मंगल सप्तम्, अष्टम और द्वादश भाव में हो तब वह मांगलिक दोष कहलाता है।           ◾️प्रथम भाव मे  मंगल होने से  जातक साहसी ,स्फुर्तिवान,        तेजस्वी, निडर, उग्र स्वभाव और नेतृत्व करने के गुण होते        हैं। मांगलिक जातक हर परिस्थिति मे साहस से कार्य करते      हैं।  मांगलिक जातक बहुत महत्वाकांक्षी और परिश्रमी होते      हैं इनको काबू करना मुश्किल होता है।                                     ◾️चतुर्थ भाव में अगर मंगल स्थित हो तो जातक को वाहन         का सुख और जमीन का सुख मिलता है।                     ◾️अगर  मंगल सप्तम् भाव में  हो तो दाम्पत्य जीवन में कस्ट  ...